रूठकर सताती हो मनाने में पसीने छूट जाते हैं नहीं चाहता हूं तुम्हें किसी बात से तकलीफ पहुंचे फिर भी रूठ जाने का बहाना ढूंढ लेती हो खुश रहो और खुश रहने दो अपनी जरूरतों को थोड़ा सीमित रहने दो तुम्हारे बेतहाशा खर्चों से परेशान रहता हूं
Hindi shayari | Shayari sangrah